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सट्टा किंग (Satta King): जीतने के बाद रकम कैसे प्राप्त करें? जानिए पूरी प्रक्रिया

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सट्टा किंग

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सट्टा किंग (Satta King) में जीती हुई रकम कैसे मिलती है? क्या इस रकम को प्राप्त करने के लिए किसी को कॉल करना पड़ता है, या यह खुद ही बैंक में ट्रांसफर हो जाती है? इस लेख में हम जानेंगे ऐसे ही कई सवालों के जवाब और इस प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझेंगे।

देश में इन दिनों कई प्रकार के सट्टे प्रचलन में हैं, जिनमें लोग अंकों पर दांव लगाकर अपनी किस्मत आजमाते हैं। हालांकि, इसमें जीत की कोई गारंटी नहीं होती और पूरे पैसे भी डूब सकते हैं। यदि आपका लकी नंबर निकलता है, तो 90 गुना तक प्रॉफिट (Satta King Prize Money) हो सकता है। लेकिन लोग अक्सर सोचते हैं कि जीतने के बाद रकम कैसे मिलेगी? और क्या जीती रकम सुरक्षित है?

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सट्टा किंग (Satta King) का इतिहास 1960 के दशक में मुंबई में शुरू हुआ, जब यह सबसे पहले कपड़ा मिल मजदूरों के बीच प्रचलित हुआ। पहले के समय में सट्टा गेम्स जैसे कल्याण सट्टा और मटका सट्टा ऑफलाइन खेले जाते थे। तब से लेकर अब तक, इस खेल ने कई रूप और मोड अपनाए हैं।

आज भी यह चलन में हैं, लेकिन अब खिलाड़ी ऑनलाइन मोड से भी दांव लगाने लगे हैं। इसमें खिलाडियों के जीतने और हारने की संभावना 1:99 होती है।

 

ऑनलाइन मोड में दांव लगा तो कितनी रकम मिलेगी?

आजकल कई मोबाइल ऐप्स और वेबसाइट्स उपलब्ध हैं, जहां रजिस्ट्रेशन कर वॉलेट बनाकर लोग अंकों पर दांव लगा सकते हैं। यदि अंक फंसता है या जीत होती है, तो सिंगल अंक पर 90 गुना और डबल अंक पर 900 गुना तक प्रॉफिट मिलता है।

उदाहरण के लिए, यदि किसी खिलाड़ी ने 5 अंक पर 100 रुपए का दांव लगाया और 5 नंबर निकला, तो उसे 900 रुपए मिलेंगे। इसी तरह डबल अंक पर 100 रुपए पर 9000 रुपए प्राइज मनी मिल सकती है। 

इन ऐप्स पर पैसे लगाने से पहले ये जानना भी ज़रूरी है  यह सभी प्लेटफॉर्म गैर-कानूनी हैं और धोखाधड़ी होने पर कोई शिकायत दर्ज नहीं होगी।

क्या ऑनलाइन मोड प्राइज मनी में कोई कटौती होती है?

ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म्स, जैसे कि ऐप्स और वेबसाइट्स, खिलाड़ियों को उनके वॉलेट में रकम ट्रांसफर करने की सुविधा प्रदान करते हैं। इस वॉलेट से रकम को बैंक खाते में आसानी से विद्ड्रॉल किया जा सकता है।

 

ज्यादातर ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म्स प्राइज मनी में कोई कटौती नहीं करते हैं। खिलाड़ी को जीत की पूरी रकम ही प्रदान की जाती है। हालांकि कुछ प्लेटफॉर्म्स मामूली ट्रांजैक्शन फीस या कमीशन ले सकते हैं, जो आमतौर पर बहुत कम होती है। यह फीस खिलाड़ियों को पहले से ही स्पष्ट कर दी जाती है।

 

जब जीती हुई रकम बैंक खाते में ट्रांसफर होती है, तो इस पर कुछ नियम और शर्तें लागू होते हैं। बैंक खाते में आने वाली रकम को घोषित आय के रूप में दिखाना और  टैक्स चुकाना पड़ता है। यह आयकर विभाग के नियमों के अनुसार आवश्यक है।

 

ऑफलाइन सट्टेबाजी में जीतने पर कितने रुपए मिलेंगे?

ऑफलाइन सट्टेबाजी में सट्टा किंग (Satta King) के एजेंट्स देश के अलग-अलग राज्यों के शहरों में फैले हुए हैं। वे खिलाड़ियों से ऑर्डर लेते हैं और अंकों पर लगाए गए दांव का कलेक्शन करते हैं। एजेंट्स अपने पंटरों के जरिए खिलाड़ियों से दांव लगवाते हैं।

ये पंटर खिलाड़ी और एजेंट के बीच का महत्वपूर्ण लिंक होते हैं। पंटर खिलाड़ी के दांव का पूरा रिकॉर्ड रखते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि दांव सही तरीके से अंक खुलने से पहले लगाया गया है।

खिलाड़ी अपना ऑर्डर पंटर के पास लिखवाते हैं। जब अंक खुलता है, तो खिलाड़ी को पैसे उसी एजेंट या पंटर से मिलते हैं, जहां उसने ऑर्डर लिखवाया था। ऑफलाइन सट्टेबाजी का खेल पूरी तरह से विश्वास पर आधारित होता है। पंटर खिलाड़ी के जीतने-हारने का हिसाब अपने पास डायरी में नोट करके रखते हैं।

कई बार धोखाधड़ी भी हो सकती है इसलिए खिलाड़ियों को अपने पंटर और एजेंट के साथ सतर्क रहना चाहिए।

 

क्या ऑफलाइन सट्टेबाजी के प्राइज मनी में कटौती होती है?

ऑफलाइन सट्टेबाजी में प्राइज मनी पर 10 से 20 फीसदी की कटौती हो सकती है। यह कटौती पंटर द्वारा पहले से ही खिलाड़ियों को बता दी जाती है। कई बार बड़े एजेंट्स प्राइज मनी पर कोई कटौती नहीं करते हैं। यह उनके भरोसे और ईमानदारी पर निर्भर करता है।

ऑफलाइन सट्टेबाजी का पूरा खेल ब्लैक और हवाला के जरिए संचालित होता है। इसलिए रुपयों का लेन-देन कैश में होता है और इसका कोई बैंकिंग ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड नहीं होता है। कैश लेन-देन की गुप्तता बनाए रखने के लिए खिलाड़ियों को सतर्क रहना चाहिए और केवल भरोसेमंद एजेंट्स के साथ ही काम करना चाहिए।

देश में सट्टेबाजी गैर-कानूनी है?

भारत में सट्टा या जुआ खेलना और खिलाना दोनों ही गैर-कानूनी है, चाहे वह ऑनलाइन हो या ऑफलाइन। इसके बावजूद यह ऑनलाइन बड़े पैमाने पर संचालित हो रहा है। खिलाड़ियों को यह समझना चाहिए कि इसमें भाग लेना कानूनी जोखिमों के अधीन है।

लेकिन लोग जल्दी अमीर बनने के लालच में इसके जाल में फंस जाते हैं। यदि पकड़े जाते हैं, तो खिलाड़ियों और एजेंट्स दोनों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए सट्टेबाजी में शामिल होने से पहले सभी संभावित परिणामों पर विचार करना आवश्यक है।

सट्टेबाजी के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव

सट्टेबाजी का समाज और अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह लोगों को जल्दी पैसे कमाने के लालच में फंसाता है और उनकी आर्थिक स्थिति को खराब करता है। इसके कारण कई परिवार बर्बाद हो जाते हैं और समाज में अपराध की दर भी बढ़ती है।

Disclaimer: देश में सट्टेबाजी गैर-कानूनी है। इसमें जीत-हार की कोई गारंटी नहीं होती। सट्टा किंग (Satta King) में पैसे लगाना जोखिमभरा है। ऐसे में किसी भी प्रकार के सट्टा या जुआ में रकम लगाने से पहले अपने विवेक का इस्तेमाल करें। यह लेख केवल जानकारी के लिए है, और हम किसी भी प्रकार की सट्टेबाजी और हार-जीत के दावों को प्रमोट नहीं करते हैं।

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